विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकारों और शिल्पकारों ने बदला ब्रह्मसरोवर की फिजा का रंग

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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव

शिल्पकारों के हाथों की अनोखी हस्त शिल्पकला को देखकर मंत्रमुग्ध हुए पर्यटक, महोत्सव के यादगार पलों को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए पर्यटक, अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने बनाई विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान, महोत्सव की गूंज प्रदेश ही नहीं देश विदेश में भी दी सुनाई
कुरुक्षेत्र 2 दिसंबर ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 15 नवंबर से चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 में विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकारों और शिल्पकारों ने इस महोत्सव में ब्रह्मसरोवर की फिजा का रंग बदलने का काम किया है। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकारों द्वारा अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति को इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इतना ही नहीं दूर दराज से आने वाले पर्यटकों ने भी दूसरे प्रदेशों की संस्कृतिक कला की सराहना की है। कलाकारों द्वारा अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति को दिखाने का काम किया है। इन लोक कलाकारों के नृत्यों के साथ-साथ ढोल की थाप और नगाड़ों पर पर्यटक झूम-झूम कर नाचते नजर आए।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने विश्व पटल पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी है, महोत्सव की यह गूंज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी सुनाई दे रही है। महोत्सव के इन यादगार पलों को सभी पर्यटक अपने-अपने कैमरों में कैद करते नजर आ रहे है। इतना ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों से आए शिल्पकारों की हाथों की अनोखी शिल्प कला को देखकर पर्यटक मंत्र मुग्ध हो रहे है। शिल्पकारों की हाथों की जादूगरी और ऐसी अनोखी हस्तशिल्प कला ने इस अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में चार चांद लगाने का काम किया है, महोत्सव में आने वाला प्रत्येक पर्यटक इन शिल्पकारों की जमकर प्रशंसा करता नजर आ रहा है और लोग इन शिल्पकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं को जमकर खरीद रहे है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव इन शिल्पकारों की जादुई शिल्पकला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखाने के लिए एक बड़ा मंच साबित हुआ है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की लोक कला को अनोखे तरीके से दिखाने का काम किया है। पर्यटक ढोल नगाड़े की थाप पर थिरकते नजर आ रहे है। शिल्पकारों की हस्त शिल्पकला और लोक संस्कृति का अनोखा संगम महोत्सव में एक अलग ही रंग भरने का काम किया है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और जिला प्रशासन द्वारा इन शिल्पकारों और लोक कलाकारों के साथ-साथ महोत्सव में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए है। इतना ही नहीं सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा महोत्सव के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

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