हरियाणा में आंगनवाड़ी ढांचे को मिली नई मजबूती
मुख्यमंत्री ने 24 करोड़ रुपये कि लागत से 500 नवीनीकृत व 64 नए आंगनवाड़ी भवनों का किया लोकार्पण
कुरुक्षेत्र में पोषण माह की 8वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री ने किया पोषण कैलेंडर का अनावरण
स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और सशक्त भारत की नींव- नायब सिंह सैनी
10 लाख से अधिक बच्चों और 2.5 लाख माताओं को मिल रहा पूरक पोषण कार्यक्रम का लाभ – मुख्यमंत्री
कुरूक्षेत्र, 30 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आंगनवाड़ी ढांचे को नई मजबूती प्रदान करते हुए आज 15 करोड़ रुपये की लागत से 500 नवीनीकृत आंगनवाड़ी भवनों का लोकार्पण तथा 9 करोड़ रुपये की लागत से बने 64 नए आंगनवाड़ी केंद्रों का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों और महिलाओं के पोषण, स्वास्थ्य तथा प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को कुरुक्षेत्र में पोषण माह की 8वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पोषण कैलंडर का भी अनावरण किया और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने दुर्गा अष्टमी की बधाई देते हुए कि आज दुर्गा अष्टमी के अवसर पर महिलाओं के लिए धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पोषण माह की 8वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय समारोह के आयोजन का अत्यंत महत्व है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए पूरे देश में पोषण माह का आयोजन वर्ष 2018 से किया जा रहा है। परिवार के प्रति समर्पण भाव में महिलाएं इतना व्यस्त हो जाती हैं कि वे अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखती। इसी समर्पण भाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महसूस किया कि महिलाओं की सेहत और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार की भी है। उन्होंने 8 मार्च, 2018 को राजस्थान के झुंझुनू जिले से देशव्यापी पोषण अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के 8 साल हो गए हैं। यह पोषण माह महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा और बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इस पोषण अभियान का उद्देश्य 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण स्तर में सुधार करना है।
उन्होंने कहा कि इस साल पोषण माह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत 17 सितम्बर को उनके 75वें जन्मदिन पर मध्य प्रदेश से की गई थी। उसी दिन उन्होंने राष्ट्रव्यापी स्वस्थ नारी—सशक्त परिवार अभियान का शुभारंभ भी किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान केवल सरकारी कार्यक्रम न रहकर एक जन आंदोलन बन चुका है। गांव-गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने, स्वयंसेवी संस्थाओं ने, पंचायतों और युवाओं ने मिलकर इस मिशन को आगे बढ़ाया है। इस मिशन को एक दिन अथवा एक मास तक ही नहीं, बल्कि पूरे साल चलाए रखना है। इसीलिए आज, पोषण कैलेंडर भी लॉन्च किया गया है।
उन्होंने कहा कि 8वें पोषण माह का थीम व्यापक है। इसमें ‘मोटापे पर नियंत्रण, नन्हे बच्चों की देखभाल, एक पेड़ मां के नाम, बच्चों और महिलाओं की देखभाल में पुरुष सहभागिता और स्थानीय खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास केवल पोषण की जानकारी देना भर नहीं है, हम चाहते हैं कि लोगों को जागरूक कर जीवनशैली में स्थायी बदलाव लाया जाए।
उन्होंने कहा कि पोषण माह केवल विभागीय योजना नहीं, बल्कि शिक्षा, कृषि, पंचायत, महिला एवं बाल विकास और ग्राम विकास विभागों के संयुक्त प्रयास से एक बहुआयामी आंदोलन है। इसके तहत समेकित बाल विकास सेवा योजना के अंतर्गत 6 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण स्तर, मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक विकास की देखरेख की जा रही है। इसी उद्देश्य से राज्य में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोले गए हैं। इनमें 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस वित्त वर्ष के बजट में 2 हजार और प्ले-वे स्कूल खोलने की घोषणा की गई। ये स्कूल आंगनवाड़ी केंद्रों में ही संचालित किए जाएंगे। इनकी पहचान कर ली गई है।
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार का आधार और सशक्त परिवार ही सशक्त भारत का आधार है
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नारी का स्वास्थ्य, परिवार की सबसे बड़ी संपत्ति है। स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार का आधार है और सशक्त परिवार ही सशक्त भारत का आधार है। नारी के सशक्त होने से समाज मजबूत होता है, इसलिए महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर देशभर में लाखों स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं, जिनमें लाखों बहनों का स्वास्थ्य परीक्षण प्रतिदिन हो रहा है। उन्होंने माताओं और बहनों से अपील की कि वे अवश्य समय निकालकर इन शिविरों में जाकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।
कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों की देखभाल के लिए प्रदेश में चल रहे 500 क्रेच
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों की देखभाल के लिए विस्तृत क्रेच नीति लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। भारत सरकार ने हरियाणा के सभी जिलों में 628 आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी-सह-क्रेच में बदलने की स्वीकृति दी है। इस समय प्रदेश में 500 क्रेच चल रहे हैं। इनमें से 303 क्रेच आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करके बनाए गए हैं। शेष 197 स्टैण्डलोन क्रेच चल रहे हैं। इन क्रेच सेवाओं का लाभ 3,670 से अधिक कामकाजी महिलाओं को हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए प्रदेश में पूरक पोषण कार्यकम चलाया जा रहा है। इसके तहत 6 महीने से 6 वर्ष की आयु के 10 लाख 47 हजार बच्चों और 2 लाख 67 हजार गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषाहार दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी में आने वाले बच्चों, गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करने के लिए मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना चलाई जा रही है। इस योजना में 6 वर्ष तक के लगभग 8 लाख 28 हजार बच्चों तथा लगभग 3 लाख गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को फोर्टिफाइड दूध दिया जा रहा है। इसके अलावा, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषाहार के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पहले बच्चे पर 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। दूसरा बच्चा बेटी होने पर 6,000 रुपये दिए जाते हैं। जिन महिलाओं का दूसरा बच्चा बेटा होता है, उनके लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना लागू की है। इसके तहत 5 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लगातार महिलाओं के सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसी कड़ी में दीन दयाल लाड़ो लक्ष्मी योजना को लागू करते हुए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस योजना का शुभारंभ 25 सितंबर को किया गया और महिलाओं को जल्द ही आर्थिक सहायता मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित कर महिलाओं की सम्मान और समान भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इससे देश के विकास में महिलाओं की बराबर की हिस्सेदारी सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हम सभी को अपने गांव-गांव, घर-घर तक यह संदेश पहुचाना है कि भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं है, बल्कि शरीर और मन को स्वस्थ बनाने का साधन भी है। हम कुपोषण के खिलाफ इस लड़ाई में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर यह प्रण लें कि पोषण माह केवल एक उत्सव न रहकर दैनिक जीवन की आदत बने। जब हर नागरिक को संतुलित आहार मिलेगा, तभी हरियाणा व भारत सशक्त, समृद्ध और स्वस्थ बन पाएंगे।
हमारा संकल्प, हर बच्चा पोषित और हर महिला स्वस्थ हो – महिला एवं बाल विकास मंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्ष 2018 में झुंझुनू (राजस्थान) से प्रारंभ हुआ पोषण अभियान आज एक व्यापक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 0 से 6 वर्ष आयु तक के बच्चों, किशोरियों तथा गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार एवं उचित देखभाल उपलब्ध कराना है।
उन्होंने कहा कि मिशन पोषण 2.0 और सक्षम आंगनबाड़ी अभियान के माध्यम से पूरे देश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष पोषण माह की थीम जीवनशैली में बदलाव पर केंद्रित है, जिसमें तेल एवं चीनी की खपत कम करना, स्थानीय व मोटे अनाज को बढ़ावा देना, सेवाओं का डिजिटलीकरण तथा महिलाओं-बच्चों की देखभाल में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से लाखों लाभार्थी जुड़ रहे हैं। वर्तमान में लगभग 10.47 लाख बच्चे और 2.67 लाख गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएं पूरक पोषण कार्यक्रम से लाभान्वित हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत करोड़ों रुपये की राशि सीधे महिलाओं के खातों में हस्तांतरित की गई है। अप्रैल 2024 से अगस्त 2025 तक प्रधानमंत्री मातृ वंदना पोर्टल पर दर्ज 2.95 लाख महिलाओं को 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का लाभ मिला है। वहीं मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना के अंतर्गत 59 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को 29 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 4000 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में अपग्रेड किया गया है, जिनमें 50,309 बच्चे पंजीकृत हैं। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा बजट 2025-26 में 2000 अतिरिक्त प्ले स्कूल खोलने की घोषणा की गई है। उन्होंने आज मुख्यमंत्री द्वारा 64 नए आंगनबाड़ी केंद्रों और 500 नवीनीकृत आंगनबाड़ी भवनों का लोकार्पण करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मंत्री श्रुति चौधरी ने प्रदेश की मातृशक्ति की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा शुरू की गई दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना महिलाओं के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। यह दिखता है कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम सबका संकल्प है कि हर बच्चा पोषित हो, हर महिला स्वस्थ हो और हर परिवार सशक्त बने। जब परिवार स्वस्थ होंगे तभी प्रदेश और देश प्रगति की नई ऊँचाइयों को छूएगा।
इस मौके पर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, मीडिया कोऑर्डिनेटर तुषार सैनी, उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक नीतीश अग्रवाल, महानिदेशक मोनिका मलिक, यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, चेयरमैन धर्मवीर डागर, उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच, जिप अध्यक्ष कंवलजीत कौर, यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार डॉ वीरेंद्र, संयुक्त निदेशक राजबाला कटारिया, पीओआईसीडीएस बलजीत कौर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
