आयुष विवि की ऑनलाइन पीजी काउंसलिंग में 37 सीटों के लिए 191 विद्यार्थियों ने किया  आवेदन

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श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार और कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार ने सोमवार को विधिवत रूप से नववर्ष के कैलेंडर एवं डायरी का विमोचन किया। विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कैलेंडर को जन-सामान्य को समर्पित करते हुए कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने सभी को अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में विकासात्मक दिशा में बढ़ रहा है। इस संस्थान से शिक्षा प्राप्त कर विद्यार्थी चिकित्सा के क्षेत्र में देश व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। आने वाला समय आयुर्वेद का है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति प्राचीन होने के साथ-साथ पूर्णतः वैज्ञानिक भी है। जो तर्कसंगत प्रकार से चिकित्सा करता है।

वॉल कैलेंडर में विश्वविद्यालय की वर्षभर की मुख्य गतिविधियों के चित्र समाहित हैं। इसके साथ-साथ कैलेंडर में भारतीय संस्कृति के अनुसार पंचांग तिथियों भी दी गई हैं। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार ने विश्वविद्यालय की वर्षभर की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी, और आगामी कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया, उन्होंने कहा कि इस सत्र से विश्वविद्यालय में आयुर्वेद के कुल 14 विभागों में स्नातकोत्तर कोर्स शुरु हो जाएंगे। इसके लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। उत्तर भारत का यह पहला विश्वविद्यालय होगा, जहां आयुर्वेद के सभी 14 विभागों में स्नातकोत्तर कराई जाएगी। हालांकि पांच विभागों में पहले से पीजी कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी से आयुर्वेद के पांच विषयों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू किए गए हैं। पीजी की कुल 37 सीटों के लिए 191 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। कुलसचिव ने बताया कि देहदान और अंगदान जो एक पुण्य कार्य है, इसके लिए विश्वविद्यालय के अन्दर नोडल सेंटर बनाने की योजना है। गणतंत्र दिवस पर ऐसे व्यक्तियों जिन्होंने चिकित्सा अनुसंधान के लिए अपने शरीर का दान किया उन्हें आयुष विवि द्वारा सम्मानित किया गया। इसके साथ छात्रों का समय बर्बाद न हो इसके लिए प्रभावी ढंग से एवं त्रुटिरहित परीक्षा और समय से परीक्षा परिणाम जारी करने में विश्वविद्यालय कार्य कर रहा है। अभी यूजी और पीजी की परीक्षाएं विश्वविद्यालय द्वारा ऑफलाइन मोड में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कराई जा रही हैं। कुल एक हजार अट्ठाइस विद्यार्थी परीक्षाएं दे रहे हैं। वहीं इसी सत्र से श्रीकृष्णा आयुष फार्मेसी के नाम से एक फार्मेसी को भी लाइसेंस प्राप्त हो गया है। जिसमें खुद की आय़ुर्वेदक दवाईयां बनाएंगे।   

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